75 यीशु मसीह के पवित्र वचन

यीशु मसीह के वचन दुनिया भर के लोगों के लिए आशा, प्रेम और मार्गदर्शन का स्रोत हैं। उनके वचनों में एक ऐसी ताकत और सच्चाई है जो जीवन के हर पहलू को छूती है। चाहे हम कठिनाइयों का सामना कर रहे हों या शांति और संतोष की खोज में हों, यीशु के वचन हमारे मन और आत्मा को प्रेरित करते हैं।

इस ब्लॉग में, हम बाइबल के चुनिंदा वचनों को प्रस्तुत कर रहे हैं, जो विश्वास, प्रेम, और आशा का संदेश देते हैं। ये वचन न केवल हमारी आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने में भी मदद करते हैं।

यीशु मसीह के अनमोल वचन

मत्ती 11:28
हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।

यूहन्ना 3:16
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

भजन संहिता 23:1
यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कोई घटी न होगी।

रोमियों 8:28
और हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिए सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती हैं।

इफिसियों 2:8
क्योंकि तुम्हें विश्वास के द्वारा अनुग्रह से उद्धार मिला है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, यह परमेश्वर का वरदान है।

यशायाह 41:10
मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूं; विस्मित मत हो, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं। मैं तुझे दृढ़ करूंगा, मैं निश्चय ही तेरी सहायता करूंगा।

मत्ती 6:33
परन्तु पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें दी जाएंगी।

यूहन्ना 14:6
यीशु ने उससे कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूं। बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं आ सकता।”

भजन संहिता 46:1
परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।

नीतिवचन 3:5-6
तू अपने पूरे मन से यहोवा पर भरोसा रख और अपनी समझ का सहारा न ले। उसे सब कामों में स्मरण कर, और वह तेरे मार्ग सीधे करेगा।

फिलिप्पियों 4:13
जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूं।

यूहन्ना 10:10
चोर केवल चोरी करने, घात करने और नाश करने ही आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं और बहुतायत से पाएं।

1 पतरस 5:7
अपने सब चिंताओं को उस पर डाल दो, क्योंकि वह तुम्हारी चिंता करता है।

इब्रानियों 11:1
विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।

रोमियों 12:12
आशा में आनन्दित रहो, क्लेश में स्थिर रहो, और प्रार्थना में नित्य लगे रहो।

मत्ती 7:7
मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; खोजो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा।

यशायाह 40:31
परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करेंगे; वे उकाबों की नाई ऊंचाई पर उड़ेंगे।

यूहन्ना 8:12
यीशु ने फिर उनसे कहा, “मैं जगत का ज्योति हूं। जो कोई मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।”

भजन संहिता 119:105
तेरा वचन मेरे पांव के लिए दीपक और मेरे मार्ग के लिए उजियाला है।

फिलिप्पियों 4:6-7
किसी बात की चिंता मत करो, परन्तु हर बात में, प्रार्थना और निवेदन के द्वारा धन्यवाद के साथ अपनी मांगें परमेश्वर के सामने रखो। तब परमेश्वर की शान्ति, जो सारी समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।

यशायाह 43:2
जब तू जल के बीच से होकर जाए, मैं तेरे संग रहूंगा; और जब तू नदियों के बीच से होकर चले, तब वे तुझे न डुबाएंगी। जब तू आग में चले, तब तुझे आँच न लगेगी और ज्वाला तुझे न जलाएगी।

नीतिवचन 18:10
यहोवा का नाम एक दृढ़ गढ़ है; धर्मी उसमें भागकर सुरक्षित रहता है।

2 तीमुथियुस 1:7
क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की आत्मा नहीं, परन्तु सामर्थ्य, प्रेम और संयम की आत्मा दी है।

भजन संहिता 55:22
अपना भार यहोवा पर डाल दे, और वह तुझे संभालेगा; वह कभी धर्मी को गिरने नहीं देगा।

यूहन्ना 16:33
मैंने तुम्हें ये बातें इसलिये कहीं हैं कि तुम्हें मुझमें शांति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होगा, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार पर विजय पाई है।

यशायाह 26:3
जो मनुष्य स्थिर मन का है, तू उसे पूर्ण शांति में रखेगा, क्योंकि उसका भरोसा तुझ पर है।

भजन संहिता 37:4
यहोवा में सुख मान, और वह तेरे मन की अभिलाषाओं को पूरा करेगा।

1 कुरिन्थियों 10:13
तुम पर कोई ऐसी परीक्षा नहीं आई जो मनुष्य के सहन करने योग्य न हो। परमेश्वर विश्वासयोग्य है और वह तुम्हें सहन करने की शक्ति से बाहर परीक्षा में नहीं पड़ने देगा।

यशायाह 54:17
तेरे विरुद्ध बनाई गई कोई भी हथियार सफल नहीं होगी, और जो कोई तुझ पर विवाद करेगा, तू उसे दोषी ठहराएगा।

मत्ती 5:16
वैसे ही तुम्हारा प्रकाश मनुष्यों के सामने चमके, ताकि वे तुम्हारे भले कामों को देखें और तुम्हारे स्वर्गीय पिता की महिमा करें।

इब्रानियों 13:5
मैं कभी तुझे नहीं छोड़ूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।

मत्ती 28:20
और देखो, मैं जगत के अंत तक सदैव तुम्हारे साथ हूं।

यूहन्ना 15:5
मैं दाखलता हूं, तुम डालियां हो। जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल लाता है; क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।

नीतिवचन 16:9
मनुष्य अपने मन में अपना मार्ग ठहराता है, परन्तु यहोवा उसके कदमों का निर्देशन करता है।

यशायाह 55:11
मेरे मुख से निकला हुआ वचन व्यर्थ मेरे पास नहीं लौटेगा, परन्तु वह वही करेगा जिसके लिए मैंने उसे भेजा है।

भजन संहिता 30:5
यद्यपि उसका क्रोध क्षणिक होता है, परन्तु उसका अनुग्रह जीवन भर रहता है; संध्या को रोना आता है, परन्तु प्रातःकाल आनन्द होता है।

रोमियों 15:13
अब आशा का परमेश्वर तुम्हें विश्वास में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, ताकि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम आशा में बढ़ते जाओ।

यशायाह 9:6
क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है। प्रधानता उसके कंधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार होगा।

भजन संहिता 91:1
जो व्यक्ति परमप्रधान के गुप्त स्थान में रहता है, वह सर्वशक्तिमान की छाया में विश्राम पाएगा।

व्यवस्थाविवरण 31:6
हियाव बांधो और दृढ़ रहो, उनका भय न करो और न उनसे डरो, क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तेरे साथ चलता है, वह तुझे न छोड़ेगा और न त्यागेगा।

रोमियों 8:38-39
क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं कि न तो मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ्य, न ऊंचाई, न गहराई, और न कोई सृष्टि हमें परमेश्वर के उस प्रेम से अलग कर सकेगी जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है।

मत्ती 5:9
धन्य हैं वे जो मेल कराने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।

1 कुरिन्थियों 13:4-7
प्रेम धीरजवंत है, प्रेम दयालु है। यह ईर्ष्या नहीं करता, यह घमण्ड नहीं करता, यह अभिमान नहीं करता। यह अनुचित व्यवहार नहीं करता, यह अपना ही लाभ नहीं चाहता, यह चिड़चिड़ा नहीं होता और न बुराई को गिनता है। यह अधर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। यह सब कुछ सह लेता है, सब कुछ विश्वास करता है, सब कुछ आशा करता है, और सब कुछ सह लेता है।

यूहन्ना 13:34-35
मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि तुम एक-दूसरे से प्रेम करो; जैसा मैंने तुमसे प्रेम किया है, वैसे ही तुम भी एक-दूसरे से प्रेम करो। यदि तुम आपस में प्रेम रखोगे, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो।

नीतिवचन 4:23
अपने मन की पूरी रक्षा कर, क्योंकि जीवन का स्रोत वही है।

मत्ती 11:29-30
मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझसे सीखो, क्योंकि मैं नम्र और विनम्र हृदय का हूं; और तुम अपने प्राणों के लिए विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।

यशायाह 53:5
परन्तु वह हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी शान्ति के लिए दण्ड उस पर पड़ा, और उसके कोड़ों के द्वारा हम चंगे हुए।

भजन संहिता 27:1
यहोवा मेरा प्रकाश और मेरा उद्धार है; मुझे किससे डरना चाहिए? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ है; मुझे किससे भय होना चाहिए?

यूहन्ना 6:35
यीशु ने उनसे कहा, “मैं जीवन की रोटी हूं; जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा, और जो मुझ पर विश्वास करता है वह कभी प्यासा न होगा।”

2 कुरिन्थियों 5:17
इसलिए, यदि कोई मसीह में है, तो वह नई सृष्टि है। पुरानी बातें जाती रहीं; देखो, सब कुछ नया हो गया।

इफिसियों 6:10
अन्त में, प्रभु में और उसकी शक्ति के सामर्थ्य में बलवंत बनो।

याकूब 1:5
यदि तुम में से किसी को ज्ञान की घटी हो तो वह परमेश्वर से मांगे, जो सब को उदारता से और बिना उलाहना दिए देता है, और उसे दिया जाएगा।

भजन संहिता 121:1-2
मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर उठाता हूं; मेरी सहायता कहां से आएगी? मेरी सहायता यहोवा की ओर से आती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।

नीतिवचन 3:7-8
अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न बनो; यहोवा का भय मान और बुराई से दूर रह। यह तेरे शरीर के लिए आरोग्य और तेरी हड्डियों के लिए ताजगी होगी।

यूहन्ना 15:13
इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपना प्राण दे।

यशायाह 40:29
वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को सामर्थ्य से भरपूर कर देता है।

भजन संहिता 62:1-2
सचमुच मेरी आत्मा केवल परमेश्वर में विश्राम पाती है; मेरा उद्धार उसी से है। सचमुच वही मेरी चट्टान, मेरा उद्धार और मेरा गढ़ है; मैं कभी डगमगाऊंगा नहीं।

गलातियों 5:22-23
परन्तु आत्मा का फल है: प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और आत्म-संयम। ऐसे गुणों के विरुद्ध कोई व्यवस्था नहीं है।

यशायाह 30:21
तेरे कान तेरे पीछे से यह वचन सुनेंगे: “यह मार्ग है, इसी पर चलो,” चाहे तुम दाहिने जाओ, चाहे बाईं ओर।

रोमियों 5:8
परन्तु परमेश्वर ने हम पर अपने प्रेम को इस प्रकार प्रकट किया कि जब हम पापी ही थे, तभी मसीह हमारे लिए मरा।

यूहन्ना 11:25-26
यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं। जो मुझ पर विश्वास करता है वह, यदि मर भी जाए, तो भी जीवित रहेगा; और जो कोई जीवित है और मुझ पर विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा।”

नीतिवचन 17:22
मन का आनन्द एक उत्तम औषधि के समान है, परन्तु टूटे हुए आत्मा से हड्डियां सूख जाती हैं।

इब्रानियों 4:12
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, क्रियाशील और हर दोधारी तलवार से भी तेज़ है; वह मन और आत्मा, जोड़ और गूदा को अलग करता है, और हृदय के विचारों और मन के इरादों को परखता है।

भजन संहिता 37:5
अपने मार्ग को यहोवा पर छोड़ दे, और उस पर भरोसा रख; वही पूरा करेगा।

यशायाह 61:1
प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि यहोवा ने मुझे अभिषिक्त किया है कि मैं दीनों को शुभ समाचार सुनाऊं; उसने मुझे टूटे हृदय वालों को चंगा करने, बंदियों के लिए स्वतंत्रता और कैदियों के लिए मुक्ति की घोषणा करने भेजा है।

मत्ती 7:24-25
इसलिए जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन पर चलता है, वह उस समझदार मनुष्य के समान होगा जिसने चट्टान पर अपना घर बनाया। वर्षा हुई, नदियां उमड़ीं, आंधियां चलीं और उस घर पर टकराईं; फिर भी वह नहीं गिरा, क्योंकि उसकी नींव चट्टान पर थी।

भजन संहिता 100:4-5
उसके फाटकों से धन्यवाद करते हुए और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो। उसका धन्यवाद करो और उसके नाम को धन्य कहो। क्योंकि यहोवा भला है; उसकी करुणा सदा की है और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

यूहन्ना 14:27
मैं तुम्हें शान्ति छोड़ता हूं; अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं। जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें वैसी नहीं देता। तुम्हारा हृदय व्याकुल न हो और न डरे।

2 कुरिन्थियों 12:9
उसने मुझसे कहा, “मेरा अनुग्रह तेरे लिए पर्याप्त है, क्योंकि मेरी सामर्थ्य कमजोरी में सिद्ध होती है।” इसलिए मैं अपनी दुर्बलताओं में बहुत अधिक आनन्दित रहूंगा, ताकि मसीह की सामर्थ्य मुझ पर छाया करे।

भजन संहिता 46:10
“चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्वर हूं; मैं जातियों में महान ठहरूंगा, मैं पृथ्वी पर महान ठहरूंगा।”

यशायाह 55:6
जब तक यहोवा मिल सकता है, उसे खोजो; जब तक वह निकट है, उसे पुकारो।

मत्ती 22:37-39
यीशु ने उससे कहा, “तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने पूरे मन, अपनी पूरी आत्मा और अपनी पूरी बुद्धि से प्रेम कर। यही पहली और सबसे बड़ी आज्ञा है। और दूसरी इस जैसी है: तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम कर।”

Final Words

यीशु मसीह के वचन हर समय, हर परिस्थिति में हमें प्रेरणा और मार्गदर्शन देते हैं। वे हमें सिखाते हैं कि प्रेम, दया और विश्वास के साथ जीवन कैसे जिया जाए। चाहे हम किसी भी चुनौती का सामना कर रहे हों, इन वचनों को अपने जीवन में अपनाने से हमें आंतरिक शांति और शक्ति मिलती है।

यदि आप इन वचनों को पढ़कर अपने जीवन में बदलाव महसूस करें, तो इसे दूसरों के साथ भी साझा करें। यीशु मसीह का संदेश हमेशा हमें प्रकाश और सत्य के मार्ग पर ले जाता है।

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