प्रेम, जीवन की सबसे अनमोल भावनाओं में से एक है। यह सिर्फ एक भावना नहीं है, बल्कि एक शक्ति है जो हमारे रिश्तों को मजबूत बनाती है और हमें ईश्वर से जोड़ती है।
बाइबल में प्रेम को विशेष स्थान दिया गया है। इसमें ऐसे वचन दिए गए हैं जो न केवल हमें प्रेम का महत्व सिखाते हैं, बल्कि इसे जीने का मार्ग भी दिखाते हैं।
इस ब्लॉग में हम बाइबल के कुछ प्रमुख वचनों को साझा करेंगे, जो प्रेम के सच्चे अर्थ को समझने में मदद करेंगे।
Love Bible Verses in Hindi
1 कुरिन्थियों 13:4-5
प्रेम धीरजवंत है, प्रेम दयालु है। यह ईर्ष्या नहीं करता, यह डींग नहीं मारता, यह अभिमान नहीं करता। यह अशिष्ट नहीं होता, यह स्वार्थी नहीं होता, यह झुंझलाता नहीं और यह बुरा नहीं मानता।
1 यूहन्ना 4:8
जो प्रेम नहीं करता, वह परमेश्वर को नहीं जानता; क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।
रोमियों 5:8
परन्तु परमेश्वर ने हम पर अपने प्रेम की प्रकट किया कि जब हम पापी ही थे, मसीह हमारे लिए मरा।
1 यूहन्ना 4:19
हम प्रेम करते हैं, क्योंकि उसने हमसे पहिले प्रेम किया।
गलातियों 5:22
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, शान्ति, धैर्य, कृपा, भलाई, विश्वास है।
कुलुस्सियों 3:14
और इन सब बातों के ऊपर प्रेम को धारण करो, जो सिद्धता का बंधन है।
इफिसियों 4:2
सब प्रकार की दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धर कर, प्रेम सहित एक दूसरे की सह लो।
नीतिवचन 10:12
घृणा झगड़े पैदा करती है, पर प्रेम सब अपराधों को ढांप देता है।
नीतिवचन 17:17
मित्र सदा प्रेम रखता है, और विपत्ति के समय भाई बनता है।
मत्ती 22:37-39
यीशु ने उससे कहा, तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और अपनी सारी आत्मा, और अपनी सारी बुद्धि से प्रेम कर। यह पहिला और बड़ा आज्ञा है। और दूसरी, जो इसके समान है, वह यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम कर।
यूहन्ना 15:13
इस से बड़ा प्रेम कोई नहीं कर सकता कि कोई अपने मित्रों के लिए अपना प्राण दे दे।
रोमियों 13:10
प्रेम पड़ोसी के साथ बुरा नहीं करता, इसलिये प्रेम व्यवस्था का पूरा करना है।
यशायाह 54:10
यद्यपि पहाड़ हट जाएं और पहाड़ियां डगमगा जाएं, तौभी मेरी करूणा तुझ पर से नहीं हटेगी और मेरी शान्ति की वाचा डगमगाएगी, यहोवा जो तुझ पर दया करता है, यह वाणी है।
नीतिवचन 3:3-4
दया और सच्चाई तुझ से कभी दूर न हों; इन्हें अपने गले का हार बनाना और अपनी हृदय-तलपट पर लिख लेना। और तू परमेश्वर और मनुष्यों की दृष्टि में अनुग्रह पाएगा।
1 कुरिन्थियों 16:14
तुम जो कुछ भी करो, प्रेम से करो।
भजन संहिता 86:15
परन्तु हे प्रभु, तू दयालु और अनुग्रहकारी परमेश्वर है, क्रोध करने में धीमा और अटल प्रेम और विश्वास में बड़ा।
यूहन्ना 13:34-35
मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं: एक दूसरे से प्रेम रखो। जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो, यदि तुम आपस में प्रेम रखो।
रोमियों 8:38-39
क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न शक्तियां, न ऊंचाई, न गहराई, और न ही कोई अन्य सृष्टि हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
लूका 6:35
परन्तु अपने शत्रुओं से प्रेम करो, और उन्हें भलाई करो, और कुछ भी पाने की आशा किए बिना उधार दो, तो तुम्हारा प्रतिफल बड़ा होगा, और तुम परमप्रधान के पुत्र ठहरोगे; क्योंकि वह अज्ञानी और बुरे लोगों के साथ भी दयालु है।
1 पतरस 4:8
सबसे बढ़कर, एक दूसरे से गहरा प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
Final Words
बाइबल के वचन हमें यह सिखाते हैं कि प्रेम केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अपने कर्मों और व्यवहार में लाना जरूरी है। प्रेम हमें ईश्वर और इंसानों के साथ गहरे और सच्चे रिश्ते बनाने की प्रेरणा देता है।
उम्मीद है, इन वचनों को पढ़कर आप अपने जीवन में प्रेम को और अधिक महत्व देंगे और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएंगे।