पति-पत्नी का रिश्ता एक गहरा और पवित्र बंधन है। बाइबल में इस रिश्ते को बहुत खास और महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें पति-पत्नी के बीच प्रेम, आदर, और एकता को समझाने वाले कई वचन मिलते हैं। बाइबल हमें सिखाती है कि यह संबंध केवल सामाजिक नियमों का पालन करने के लिए नहीं, बल्कि ईश्वर द्वारा बनाए गए एक पवित्र उद्देश्य को पूरा करने के लिए है। इस लेख में, हम जानेंगे कि बाइबल पति और पत्नी के संबंधों के बारे में क्या कहती है।
Bible Verses on Husband Wife in Hindi
इफिसियों 5:25
हे पतियों, अपनी पत्नियों से ऐसा प्रेम रखो जैसा मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया और अपने आप को उसके लिए बलिदान कर दिया।
इफिसियों 5:22
हे पत्नियों, अपने पतियों के अधीन रहो जैसे प्रभु के अधीन।
उत्पत्ति 2:24
इस कारण पुरूष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे।
नीतिवचन 18:22
जिसने एक पत्नी प्राप्त की, उसने अच्छी वस्तु पाई और यहोवा की कृपा प्राप्त की।
1 पतरस 3:7
हे पतियों, अपनी पत्नियों के साथ समझदारी से रहो और उन्हें दुर्बल पात्र समझ कर आदर दो, क्योंकि वे भी जीवन के वरदान में तुम्हारे साथ वारिस हैं।
नीतिवचन 31:10
गुणी पत्नी कौन पा सकता है? उसका मूल्य मोतियों से भी अधिक है।
इफिसियों 5:28
इस प्रकार पतियों को अपनी पत्नियों से अपने शरीर के समान प्रेम रखना चाहिए। जो अपनी पत्नी से प्रेम करता है, वह स्वयं से प्रेम करता है।
नीतिवचन 12:4
एक गुणी पत्नी अपने पति के सिर का मुकुट होती है, परन्तु जो लज्जा लाती है, वह उसकी हड्डियों को सड़ा देती है।
मत्ती 19:6
इसलिए वे अब दो नहीं, परन्तु एक तन हैं। इसलिए जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे।
कुलुस्सियों 3:18-19
हे पत्नियों, अपने पतियों के अधीन रहो जैसा प्रभु में उचित है। हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम रखो और उनके साथ कठोरता न करो।
1 कुरिन्थियों 13:4-7
प्रेम धीरजवान और कृपालु है; प्रेम ईर्ष्या नहीं करता; प्रेम शेखी नहीं मारता, और न फूलता है। यह अनुचित व्यवहार नहीं करता, अपनी भलाई नहीं चाहता, क्रोधित नहीं होता, और बुरा नहीं मानता।
उत्पत्ति 1:27-28
परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया, उसे पुरुष और स्त्री के रूप में बनाया। परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी और कहा, फलवन्त हो और बढ़ो।
भजन संहिता 128:3
तेरी पत्नी तेरे घर के भीतर फलवंत दाखलता के समान होगी, और तेरे बेटे तेरी मेज के चारों ओर जैतून के पौधों के समान होंगे।
नीतिवचन 19:14
घर और धन पिता की ओर से विरासत में मिलते हैं, परन्तु समझदार पत्नी यहोवा की ओर से मिलती है।
रोमियों 12:10
भाईचारे के प्रेम में एक-दूसरे को स्नेह दिखाओ; सम्मान देने में एक-दूसरे से आगे बढ़ो।
नीतिवचन 21:9
झगड़ालू पत्नी के साथ घर में रहने से छत के कोने में रहना बेहतर है।
मलाकी 2:16
क्योंकि यहोवा कहता है, “मैं तलाक से घृणा करता हूं।” इसलिए अपने आत्मा के प्रति विश्वासयोग्य रहो और अपनी पत्नी के साथ विश्वासघात न करो।
अंतिम शब्द
बाइबल पति-पत्नी के रिश्ते को प्रेम और विश्वास पर आधारित बताती है। यह सिखाती है कि दोनों को एक-दूसरे के प्रति सम्मान, धैर्य और समझदारी का व्यवहार रखना चाहिए।
इस रिश्ते को सफल बनाने के लिए बाइबल के वचनों का पालन करना मार्गदर्शक हो सकता है। यह न केवल पति-पत्नी के बीच संबंध को मजबूत करता है, बल्कि ईश्वर के साथ हमारे संबंध को भी गहरा बनाता है।