28 Family Bible Verses in Hindi – परिवार के लिए बाइबल वचन

परिवार हर व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एक मजबूत और प्रेम से भरा परिवार जीवन की हर कठिनाई को पार करने में मदद करता है। बाइबल में परिवार के महत्व, एकता, प्रेम और आपसी सम्मान पर कई शिक्षाएँ दी गई हैं। यह हमें सिखाती है कि माता-पिता और बच्चों को एक-दूसरे के प्रति कैसा व्यवहार रखना चाहिए और किस प्रकार प्रेम और धैर्य से परिवार को मजबूत बनाया जा सकता है।

परमेश्वर ने परिवार को एक विशेष आशीर्वाद के रूप में बनाया है, और बाइबल हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे हम अपने परिवार में शांति और प्रेम बनाए रख सकते हैं। माता-पिता के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन दें, और बच्चों को अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। एक खुशहाल और मजबूत परिवार के लिए हमें बाइबल के मार्गदर्शन को अपने जीवन में अपनाना होगा। इस लेख में हम ऐसे महत्वपूर्ण बाइबल वचनों को साझा करेंगे जो परिवार के प्रेम, एकता और आशीर्वाद पर आधारित हैं।

परिवार के लिए परमेश्वर का प्रेम और मार्गदर्शन

यूहन्ना 4:8
जो प्रेम नहीं करता, वह परमेश्वर को नहीं जानता; क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।

1 कुरिन्थियों 13:4-5
प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम ईर्ष्या नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, घमण्ड नहीं करता। वह अनुचित व्यवहार नहीं करता, अपनी भलाई नहीं चाहता, झुँझलाता नहीं, बुराई का लेखा नहीं रखता।

कुलुस्सियों 3:13
यदि किसी को किसी पर दोष लगाने की कोई वजह हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो; जैसे प्रभु ने तुम्हें क्षमा किया, वैसे ही तुम भी करो।

कुलुस्सियों 3:14
और इन सब के ऊपर प्रेम को धारणा करो, जो सिद्धता का बन्धन है।

इफिसियों 4:2
संपूर्ण दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धर के प्रेम सहित एक दूसरे की सह लो।

इफिसियों 4:32
एक दूसरे पर कृपालु और करूणाशील हो, और जिस प्रकार परमेश्वर ने मसीह में तुम्हें क्षमा किया, तुम भी वैसे ही एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

रोमियों 12:10
भाईचारे के प्रेम में एक दूसरे पर दयालु रहो; परस्पर आदर देने में एक दूसरे से बढ़ चलो।

परिवार में एकता और शांति के लिए बाइबल वचन

भजन संहिता 133:1
देखो, यह क्या ही अच्छा और मनोहर है कि भाई लोग मिल कर एकता में रहें!

नीतिवचन 17:17
मित्र हर समय प्रेम रखता है, और भाई संकट के समय के लिए उत्पन्न होता है।

नीतिवचन 22:6
लड़के को उसी मार्ग की शिक्षा दे जिसमें उसे चलना चाहिए, और वह बुढ़ापे में भी उससे न हटेगा।

यहोशू 24:15
यदि तुम्हें यहोवा की सेवा करना अच्छा न लगे, तो आज ही उस को चुन लो जिसकी तुम सेवा करोगे… परन्तु मैं और मेरा घराना यहोवा की सेवा करेंगे।

निर्गमन 20:12
तू अपने पिता और अपनी माता का आदर कर, जिससे तेरी आयु उस भूमि पर जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, बनी रहे।

मत्ती 19:6
इसलिए वे अब दो नहीं, परन्तु एक तन हैं। इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ दिया है, उसे मनुष्य अलग न करे।

1 तीमुथियुस 5:8
यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्ता न करे, तो उसने विश्वास से मुंह मोड़ लिया, और वह अविश्वासी से भी बुरा है।

परिवार में आशीष और सुरक्षा के लिए परमेश्वर के वचन

भजन संहिता 127:3
सन्तान यहोवा की ओर से एक आशीष है, गर्भ का फल उसका प्रतिफल है।

व्यवस्थाविवरण 6:6-7
ये जो बातें मैं आज तुझ को सुनाता हूँ, वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाना।

इफिसियों 6:1-2
हे बालकों, अपने माता-पिता के आज्ञाकारी रहो, क्योंकि यह प्रभु में उचित है। “अपने पिता और अपनी माता का आदर कर,” यह पहली आज्ञा है जिस के साथ प्रतिज्ञा भी है।

मत्ती 7:24-25
इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है, वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया।

लूका 6:31
और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, वैसे ही तुम भी उनके साथ करो।

यशायाह 54:13
तेरे सब बालक यहोवा की शिक्षा पाएंगे, और तेरे बालकों की शान्ति बड़ी होगी।

भजन संहिता 128:3
तेरी पत्नी तेरे घर में फलवन्त दाखलता के समान होगी; तेरी सन्तान तेरी मेज के चारों ओर जलपाई की पौध के समान होंगी।

परमेश्वर के मार्ग में चलते हुए परिवार का मार्गदर्शन

1 पतरस 3:7
हे पतियों, तुम भी बुद्धिमानी से पत्नियों के साथ रहो, और नारी जाति को निर्बल पात्र जानकर उनका आदर करो… ताकि तुम्हारी प्रार्थनाएँ रुक न जाएँ।

मत्ती 22:37-39
यीशु ने उससे कहा, “तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, और अपने सारे प्राण, और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख।” यह पहली और बड़ी आज्ञा है। और दूसरी इसी के समान है, “तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।”

गलातियों 6:9
हम भले काम करने में साहस न छोड़ें, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।

1 कुरिन्थियों 16:14
तुम्हारे सब काम प्रेम से होते रहें।

यूहन्ना 15:12
यह मेरी आज्ञा है, कि जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा, वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।

नीतिवचन 3:5-6
तू अपनी पूरी बुद्धि का सहारा न लेना, वरन् सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण कर, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।

यशायाह 41:10
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ; विस्मित न हो, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ; मैं तुझे सामर्थ दूँगा, मैं तेरी सहायता करूँगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से तुझे सम्हालूँगा।

परिवार को मजबूत बनाने के लिए बाइबल का मार्गदर्शन

परिवार में प्रेम, एकता और विश्वास बनाए रखने के लिए बाइबल हमें स्पष्ट शिक्षाएँ देती है। जब हम इन वचनों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो हमारा परिवार और भी मजबूत और खुशहाल बनता है। माता-पिता और बच्चों के बीच प्रेम और सम्मान, पति-पत्नी के बीच समझ और सहयोग, और पूरे परिवार में ईश्वर के प्रति आस्था हमारे रिश्तों को बेहतर बनाती है।

बाइबल हमें सिखाती है कि परिवार केवल खून के रिश्तों से नहीं बनता, बल्कि प्रेम, सहानुभूति और क्षमा से भी जुड़ा होता है। जब हम परमेश्वर के निर्देशों का पालन करते हैं, तो हमारा घर शांति और आनंद का स्थान बन जाता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि एक मजबूत परिवार बनाने के लिए हमें एक-दूसरे के प्रति धैर्य रखना होगा और प्रेम को प्राथमिकता देनी होगी। परमेश्वर के वचनों का पालन करके ही हम अपने परिवार को सुरक्षित और खुशहाल बना सकते हैं।

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